आज का मेरा भारत सही मायने में काफी प्रगतिशील हुआ है। अगर हम मुड़के पीछे देखे तो १९४७ का भारत और आज का मेरा भारत काफी अलग है। जब हमने आज़ादी पायी थी तब क्या था हमारे पास दंगे से पीचडे हुए लोग और गरीबी भुखमरी और साथ में अपनों को खोने का गम। लेकिन हमने इसके बावजूद आज इतनी प्रगति की है के विकसित देश भी हमारी तरफ दोस्ती का हाथ बढ़ा रहे हैं। जहाँ कुछ गिने चुने देश ही मंगल ग्रह पे पहुंचे हैं वहा हमने भी अपना तिरंगा लहराया है। हम चाँद पर पहुंचने की भी तैयारी कर रहे है। एक समय ऐसा था की हम सिर्फ विकसित देशों की तरफ आसभरी निगाहो से देखते थे। और वर्ल्ड ब्यांक से हमे मदद मिलेगी इसकी आशा रखते थे। लेकिन आज हमे खुद वर्ल्ड ब्यांक मदद दे रही है। इससे बड़ी उपलब्घि हमारे लिए क्या हो सकती है की आज हर देश हमसे दोस्ती करना चाहता है जो कलतक हमारे शत्रु कहलाते थे वह आज हमारे मित्र बनने की कोशीश कर रहे है। मै आज का युवा इस बात पे काफी फक्र महसूस करता हूँ की मैं भारत वासी हूँ। मेरा भारत महान।