Friday, 29 April 2016

paani

पानी बचाओ आज के युग का भीषण सत्य जो कटु होते हुए भी सत्य है।  क्यूंकि यह आज की सच्चाई है के आने वाले युग का तीसरा महायुद्ध पानी के लिए ही होगा।  यह अविष्वसनीय लग रहा है किन्तु यही सच्चाई है।  आज हमारे देश की अधिकाँश शहरों का तापमान निम्म्लिखित प्रकार से  है -
१. लखनौ - ४७ डिग्री
२. दिल्ली -४७  डिग्री
३. आगरा - ४५  डिग्री
४. नागपुर-४९  डिग्री
५. कोटा-४८  डिग्री
६. हैदराबाद-४५  डिग्री
७. पुणे-४२  डिग्री
८. अहमदाबाद-४६  डिग्री
९.  मुंबई-४२  डिग्री
१०. नासिक -४०  डिग्री
११. बंगलौर -४६  डिग्री
१२. चेन्नई-४२  डिग्री
शायद आनेवाले वाले सालों में यह शहर ५० डिग्री का तापमान तक छलांग लगा सकता हैं।
इतना गर्म क्यों है या हो रहा है।  इसका कारण विगत १०  सालों में करीब १० करोड़ पेड़ महामार्गों की चौड़ाई के लिए काटे गये हैं।  किन्तु १ लाख के करीब भी पेड़ लगाए नहीं गए है।  तो देश ठंडा कैसे होगा। तो हम आज ही यह प्रण करते हैं की हम आज से ही पेड़ लगाने का काम शुरू करते है।  बिज बोना या पेड़ लगाना कोई मुश्किल काम नहीं है।  और यह कोई खर्चीला भी काम नहीं है। सिर्फ शतावरी , बेल , पीपल , तुलसी, आम , निम्बू, जामुन, नीम या कोई भी फलवर्गीय पेड़ के बीज ले।  फिर दो तिहाई गड्डा कीजिये ये आप कोई भी खुली जगह पे रस्ते के बाजू पे या फुटपाथ , महामार्गों  के बाजू पे , बगीचे के पास या अपने सोसाइटी के पास या बंगलो के पास कर सकते है।  अब इन गड्डो में बिज डालकर इस के ऊपर मिटटी डालकर थोड़ा पानी डाले।  गर्मी में २ दिनों के बाद पानी डाले।  बारिश में तो पानी डालने की जरुरत नहीं।   १५-२० दिनों में छोटे पौधे निकल आएंगे हम उसकी हिफाजत करे बस।  अगर इस तरह पेड़ लगाना मुश्किल है तो हम कभी भी बाहर जाते हैं तो आप  अपने साथ थोड़े बिज लेके जाए और रस्ते में डाले ऐसे करके भी हम पेड़ लगा सकते है।  ऐसा करके  हम धरती को ठंडा कर सकते हैं।  १ आदमी द्वारा १ पेड़ अगर लगाएंगे तो १० करोड़ पेड़ लगाना कोई मुश्किल बात नहीं।  यही हमारी कोशीश आने वाले नस्लों के काम आएगी।  इसी से बारिश का पानी पेडो द्वारा रोक लिया जायेगा और पानी जमींन के अंदर समाता जायेगा और पानी को कोई कमी नहीं रहेगी।  

Friday, 1 April 2016

metro

मेट्रो रेल आज के  युग की जरूरत हैं। मेट्रो रेल  की वजह से परिवहन  व्यवस्था  मे  काफी  प्रगति होती हैं। मेट्रो रेल की वजह  से  ना ट्रेफिक  की समस्या होती  है और ना ही  परिवहन  मे  कोई  बाधा आती  हैं। मेट्रो  रेल  महानगरों तथा छोटे शहरों की  परिवहन की  जरूरत  पूरा  करती हैं।  केंद्र  सरकार की नीति  के   अनुसार 20 लाख से  ऊपर आबादी  वाले  शहरों  में  मेट्रो  रेल  चलाई  जाये  तो  पूरे  भारत  में  मेट्रो रेल की वजह से परिवहन  व्यवस्था  सुधार  जाएगी । मेट्रो रेल  अगर  सौर ऊर्जा पे चलाई जाये तो वो हरित ट्रेन कहलाएगी ।
  हमारा  देश   उष्ण  कटिबंधीय  प्रदेश  में  आता  हैं  इसलिए  हमारे  यहाँ  बारह  महीने  अच्छी धूप  खिलती  हैं  इसलिए  यहाँ पर  सौर  ऊर्जा  पर  ट्रेन  चलाना  बेहद  किफ़ायतशिर  रहेगा।  लेकिन  सौर  ऊर्जा  के  उपकरण  महंगे  होने  की  वजह  से  इसे  लागू  करने  में  कठिनाईया आ रही  हैं।  लेकिन अगर सरकार  सकारात्मक  सोच  रखें  और  इस  दिशा  में  जल्द से जल्द पहल करें तो वो दिन दूर नहीं जब हमारे देश में भी विदेशों की तरह मेट्रो चलती हुई दिखाई देंगी। इस दिशा में नागपुर  मेट्रो रेल ने  शुरुआत कर दी  हैं।  नागपुर मेट्रो रेल  देश  की  पहली  सौर ऊर्जा  पे  चलने  वाली  मेट्रो  रेल कहलाएगी।