पानी बचाओ आज के युग का भीषण सत्य जो कटु होते हुए भी सत्य है। क्यूंकि यह आज की सच्चाई है के आने वाले युग का तीसरा महायुद्ध पानी के लिए ही होगा। यह अविष्वसनीय लग रहा है किन्तु यही सच्चाई है। आज हमारे देश की अधिकाँश शहरों का तापमान निम्म्लिखित प्रकार से है -
१. लखनौ - ४७ डिग्री
२. दिल्ली -४७ डिग्री
३. आगरा - ४५ डिग्री
४. नागपुर-४९ डिग्री
५. कोटा-४८ डिग्री
६. हैदराबाद-४५ डिग्री
७. पुणे-४२ डिग्री
८. अहमदाबाद-४६ डिग्री
९. मुंबई-४२ डिग्री
१०. नासिक -४० डिग्री
११. बंगलौर -४६ डिग्री
१२. चेन्नई-४२ डिग्री
शायद आनेवाले वाले सालों में यह शहर ५० डिग्री का तापमान तक छलांग लगा सकता हैं।
इतना गर्म क्यों है या हो रहा है। इसका कारण विगत १० सालों में करीब १० करोड़ पेड़ महामार्गों की चौड़ाई के लिए काटे गये हैं। किन्तु १ लाख के करीब भी पेड़ लगाए नहीं गए है। तो देश ठंडा कैसे होगा। तो हम आज ही यह प्रण करते हैं की हम आज से ही पेड़ लगाने का काम शुरू करते है। बिज बोना या पेड़ लगाना कोई मुश्किल काम नहीं है। और यह कोई खर्चीला भी काम नहीं है। सिर्फ शतावरी , बेल , पीपल , तुलसी, आम , निम्बू, जामुन, नीम या कोई भी फलवर्गीय पेड़ के बीज ले। फिर दो तिहाई गड्डा कीजिये ये आप कोई भी खुली जगह पे रस्ते के बाजू पे या फुटपाथ , महामार्गों के बाजू पे , बगीचे के पास या अपने सोसाइटी के पास या बंगलो के पास कर सकते है। अब इन गड्डो में बिज डालकर इस के ऊपर मिटटी डालकर थोड़ा पानी डाले। गर्मी में २ दिनों के बाद पानी डाले। बारिश में तो पानी डालने की जरुरत नहीं। १५-२० दिनों में छोटे पौधे निकल आएंगे हम उसकी हिफाजत करे बस। अगर इस तरह पेड़ लगाना मुश्किल है तो हम कभी भी बाहर जाते हैं तो आप अपने साथ थोड़े बिज लेके जाए और रस्ते में डाले ऐसे करके भी हम पेड़ लगा सकते है। ऐसा करके हम धरती को ठंडा कर सकते हैं। १ आदमी द्वारा १ पेड़ अगर लगाएंगे तो १० करोड़ पेड़ लगाना कोई मुश्किल बात नहीं। यही हमारी कोशीश आने वाले नस्लों के काम आएगी। इसी से बारिश का पानी पेडो द्वारा रोक लिया जायेगा और पानी जमींन के अंदर समाता जायेगा और पानी को कोई कमी नहीं रहेगी।
१. लखनौ - ४७ डिग्री
२. दिल्ली -४७ डिग्री
३. आगरा - ४५ डिग्री
४. नागपुर-४९ डिग्री
५. कोटा-४८ डिग्री
६. हैदराबाद-४५ डिग्री
७. पुणे-४२ डिग्री
८. अहमदाबाद-४६ डिग्री
९. मुंबई-४२ डिग्री
१०. नासिक -४० डिग्री
११. बंगलौर -४६ डिग्री
१२. चेन्नई-४२ डिग्री
शायद आनेवाले वाले सालों में यह शहर ५० डिग्री का तापमान तक छलांग लगा सकता हैं।
इतना गर्म क्यों है या हो रहा है। इसका कारण विगत १० सालों में करीब १० करोड़ पेड़ महामार्गों की चौड़ाई के लिए काटे गये हैं। किन्तु १ लाख के करीब भी पेड़ लगाए नहीं गए है। तो देश ठंडा कैसे होगा। तो हम आज ही यह प्रण करते हैं की हम आज से ही पेड़ लगाने का काम शुरू करते है। बिज बोना या पेड़ लगाना कोई मुश्किल काम नहीं है। और यह कोई खर्चीला भी काम नहीं है। सिर्फ शतावरी , बेल , पीपल , तुलसी, आम , निम्बू, जामुन, नीम या कोई भी फलवर्गीय पेड़ के बीज ले। फिर दो तिहाई गड्डा कीजिये ये आप कोई भी खुली जगह पे रस्ते के बाजू पे या फुटपाथ , महामार्गों के बाजू पे , बगीचे के पास या अपने सोसाइटी के पास या बंगलो के पास कर सकते है। अब इन गड्डो में बिज डालकर इस के ऊपर मिटटी डालकर थोड़ा पानी डाले। गर्मी में २ दिनों के बाद पानी डाले। बारिश में तो पानी डालने की जरुरत नहीं। १५-२० दिनों में छोटे पौधे निकल आएंगे हम उसकी हिफाजत करे बस। अगर इस तरह पेड़ लगाना मुश्किल है तो हम कभी भी बाहर जाते हैं तो आप अपने साथ थोड़े बिज लेके जाए और रस्ते में डाले ऐसे करके भी हम पेड़ लगा सकते है। ऐसा करके हम धरती को ठंडा कर सकते हैं। १ आदमी द्वारा १ पेड़ अगर लगाएंगे तो १० करोड़ पेड़ लगाना कोई मुश्किल बात नहीं। यही हमारी कोशीश आने वाले नस्लों के काम आएगी। इसी से बारिश का पानी पेडो द्वारा रोक लिया जायेगा और पानी जमींन के अंदर समाता जायेगा और पानी को कोई कमी नहीं रहेगी।
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