१० अप्रैल १९३१ को मुम्बई में पैदा हुए इस महान गायिका का नाम था किशोरी अमोनकर । अपनी माँ मोगूबाई कुर्डीकर के गुरुत्व के साथ पली बढ़ी किशोरी ताई ने शास्त्रीय संगीत में अपना परचम लहराया । उन्होंने १९५० से अपने कर्रिएर की शुरुवात की , उनके पति रवि अमोनकर ने भी उनका खूब साथ दिया । हिंदी फिल्म " गीत गाय पत्थरों ने " में उन्होंने टाइटल सांग गाया था । वह भी इसलिए के उन्हें यह देखना था के सब लोग हिंदी फिल्म सांग्स को क्यों पसंद करते हैं । किन्तु बाद में उन्होंने शास्त्रीय संगीत में ही अपनी रूचि रखी । वह शास्त्रीय संगीत में इस कदर मग्न हो गयी के उनके नाम की चर्चा होने लगी । चाहे फिर वह कौनसा भी राग हो उन्होंने उसे इस कदर पेश किया के आगेवाले ने वाहवाही दी ही समझो । उन्होंने डिंपल कापड़िया अभिनीत " दृष्टि" फिल्म को संगीत दिया था । उनका मराठी का
" हे शाम सूंदर राजसा मनमोहन , विनवुनी सांगते तुज, जावु दे मला परतुनी" यह भी कृष्ण गीत काफी मशहूर हुआ हैं । इन्हें संगीत नाटक अकादेमी-१९८५, पद्मभूषण सन्मान-१९८७, संगीत सम्रादनी सन्मान-१९९७, पद्मविभूषण सन्मान-२००२,संगीत संशोधन अकादमी सन्मान-२००२, संगीत नाटक अकादमी फ़ेलोशिप-२००९ इतने पुरस्कार मिले हैं । जयपुर घराने की यह शिष्या अपने उम्र के ८४ साल के पड़ाव में सोमवार ३ अप्रैल २०१७ की रात को अनंत में विलीन हो गयी हैं । ऐसे महान गायिका को हमारा शत शत नमन ।
No comments:
Post a Comment