अंतरराष्ट्रिय
योग दिन
21 जून को अंतरराष्ट्रिय योग दिन घोषित किया गया हैं। क्या है हमारे जीवन में योग का महत्व। कहते हैं के भारत के आयुर्वेद में योग को एक
महत्वपूर्ण क्रिया बताया गया हैं। इससे ना
जीवन में आदमी तनाव मुक्त रहता हैं बल्की कई बीमारियां भी बिना दवाई के ठीक करता हैं। इसलिए सबको योग करना चाहिए,
इसे किसी धर्म, जाती या व्यक्ति विशेष के साथ जोड़ना नही चाहिये
। लोम विलोम,
कपाल भाति और ध्यान इसके करने से भी काफी लाभ होता हैं। इसमे ॐ का उच्चारण होता हैं। वैसे आयुर्वेद में यह भी बताया गया हैं के ॐ का
उच्चारण करने से हमारे शरीर को काफी लाभ होता हैं। इसमे ॐ के उच्चारण से पूरे शरीर में रीढ़ की
हड्डी से लेकर गले तक का व्यायाम होता हैं।
किन्तु इसे हिन्दू धर्म से जोड़कर बाकी लोगों ने इसका उच्चारण करने से मना
कर दिया हैं। लेकिन क्या हम किसी दवाई को
किसी धर्म या जाती विशेष के साथ जोड़कर देखते हैं, या यह डॉक्टर हमारे धर्म
का होगा तो ही इसके पास हम जाएँगे क्या ऐसा कहते हैं,
नहीं ना, तो फिर इस को किसी धर्म से जोड़कर क्यूँ देखा जा रहा हैं। इसको तो दुनिया के 180 से ज्यादा देशों ने मान्यता
दी हैं तो फिर हमारे देश के ही कुछ संगठन इसे विरोध कर रहे हैं। ॐ का उच्चारण करने से शरीर को काफी लाभ होता हैं। यह एक बिना किसी इनवेस्टमेंट के कमाया जाने वाला
धन हैं जो की योग के करने से शरीर को तंदूरुस्ती के तौर पर मिलता हैं। हमे इसमे कुछ भी इनवेस्टमेंट ना करते हुए सिर्फ
अपना कुछ समय देना हैं जो की रोज करना होगा जिससे हमे हानी नहीं बल्कि लाभ ही होगा। इस साल का हमारा दूसरा अंतरराष्ट्रिय योग दिन हैं। इसे भारत की बहोत बड़ी उपलब्धि माना जाएगा क्योंकि
भारत सरकार के लगातार कोशिशों के कारण ही इसे अंतरराष्ट्रिय योग दिन घोषित किया गया
हैं। हमे रोज योगा करना चाहिए जिससे हमे दिनभर
काम करने की ऊर्जा मिलती हैं। इस साल तो माननीय
प्रधानमंत्री जी श्री नरेंद्र मोदी जी ने अगले साल से योगा में उतकृष्ट कार्य करनेवालों
के लिए 2 पुरस्कार घोषित किए हैं। आज भारत
हर मोड पर आगे जा रहा हैं ऐसे में भारत सरकार के चलते 21 जून को अंतरराष्ट्रिय योग
दिन घोषित किया जाना वाकई अंतरराष्ट्रिय स्तर पर भारत की स्तिथी मजबूत बना रहा हैं। इसलिए योगा करो और स्वस्थ रहो।
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