प्रदुषण रोको बिजली बचाओ
" राम तेरी गंगा मैली हो गयी पापियों के पाप धोते धोते " इस में गीतकार ने कितना सुन्दर लिखा हैं के पापियों के पाप धोते धोते गंगा मैली हो गयी । मतलब इसमे इतना प्रदुषण हो गया हैं के जिसे हम साफ़ गंगा कहते थे जिसे इतनी पवित्र नदी कहते थे के जिसमे नहाने से पुरे पाप धूल जाते थे । और विज्ञान की दृष्टी से देखे तो पहले उसका पानी इतना शुद्ध था के इसमें नहानेसे शरीर की कुछ बिमारी ख़त्म हो जाती थी । किन्तु आज क्या हो रहा हैं गंगा इतनी मैली हो गयी है के उसका पानी हाथ में लेने से डर लग रहा है । क्योंकि लोग उसीमे कपडे धोते हैं नहाते है और यहाँ तक के इसमें शव को भी बहाते हैं । इस तरह के मृत शरीर को बहाने से उससे फैलने वाली बीमारिया लोगों को संक्रमित करती हैं । सरकार इस दिशा में काफी प्रयास कर रही हैं के गाना शुद्ध रहे । सिर्फ जल प्रदुषण ही देश में हो रहा हैं ऐसा नहीं हैं, इसमें ध्वनि प्रदुषण,
वायु प्रदुषण और काफी तरह के प्रदुषण हो रहे हैं । यह बात अब और बड़े पैमाने पे सामने आयी हैं क्योंकि सुप्रीम कोर्ट ने कहा हैं औद्योगिक यूनिटोंने अगर ट्रीटमेंट प्लांट स्थापित नहीं किये तो उनकी बिजली सप्लाई काटने का निर्देश दिया हैं । सुप्रीम कोर्ट ने कहा हैं के सभी राज्यों के प्रदुषण नियंत्रण बोर्ड से सभी औद्योगिक यूनिटों को कॉमन नोटिस जारी करने का निर्देश दिया हैं । कोर्ट ने कहा हैं के अगर औद्योगिक यूनिटों की ओर से प्राथमिक तौर पर गन्दगी के निस्तारण की व्यवस्था नहीं की गयी हो तो उनकी बिजली सप्लाई रोक दी जाए । यह व्यवस्था अगले तीन महीने के भीतर करने के लिए कहा गया हैं । कोर्ट ने सख्त लहजे में कहा हैं अगर औद्योगिक यूनिट प्राथमिक वाटर ट्रीटमेंट प्लांट नहीं लगा रही हैं तो उन्हें किसी भी तरह देश में अपने उद्योग चलाने के अनुमति नहीं मिलनी चाहिए । कोर्ट ने यह कहा हैं राज्य प्रदुषण नियंत्रण बोर्ड से कहा हैं के गन्दगी के निस्तारण की व्यवस्था न करने वाले औद्योगिक यूनिटों के खिलाफ आपराधिक और सिविल मामले के तहत केस दर्ज करने का निर्देश भी दिया हैं । हमारे देश में प्रदुषण का स्तर इतना बढ़ गया हैं के इसमें अब कोर्ट को हस्तक्षेप करना पड़ रहा हैं । ध्वनि प्रदुषण भी इसी तरह का हैं । लाउडस्पीकर
और डीजे के बजाने का स्तर इतना बढ़ गया हैं के छोटे से छोटे से कार्यक्रमों में भी लोग उसे इतने जोर शोर से बजाते हैं के उन्हें इस बात का होश भी नहीं रहता के आजु बाजू में साइलेंस जोन हैं । देखा जाए तो अस्पताल और साइलेंस जोन में शोर करने पर कानों सजा दे सकता हैं किन्तु कानूनका कौन पालन कर रहा हैं । हम आज इस मानसिकता में हैं के अपनी ख़ुशी जाहिर करना भले ही इसमें किसीको भी तकलीफ हो । ख़ुशी जाहिर करने के और भी अच्छे तरीके है जो शांतिमय तरीके से भी हो सकती हैं । किन्तु नहीं आज हर मौके पे लोग इतना शोर मचाते हैं चाहे वह शादी हो इलेक्शन हो या किसी भगवान् का उत्सव मनाना हो । हम कहते हैं के आप उत्सव मनाओ किन्तु सरकार ने जितने डेसिबल की लिमिट हमें दी हैं उसे कतई पार नहीं करनी चाहिए । उसी तरह वायु प्रदुषण । बड़े बड़े उद्योगों ने जल के साथ वायु प्रदुषण भी कर रखा हैं । बड़े बड़े उद्योगों के अंदर से निकलनेवाले धुएं ने वायु प्रदुषण बढ़ा रखा हैं । उद्योगों से निकलनेवाले कार्बन डाई ऑक्साइड ने धरती के वायु मंडल में ऐसा प्रदुषण फैला रखा हैं के सूरज की तरफ से आनेवाले अल्ट्रावायलेट किरणों का धरती पर आने का समय काफी कम हो गया हैं मतलब अब अल्ट्रावायलेट किरण धरती पर इतनी जल्दी पहुँचते हैं के पता नहीं कुछ सालों बाद क्या होगा । यह सब वायुमंडल पर जो ओजोन लेयर हैं उसमे कमी आने के कारण हैं । ओजोन लेयर सूरज के अल्ट्रावायलेट किरणों को धरती पर सीधे पहुँचने में रोकती हैं । मतलब उसके घातक परिणामों को काफी हद तक कम करती हैं । इसलिए हमे हर तरह का प्रदुषण रोकना होगा ताकि आगे जाकर कोर्ट को इसमें हस्तक्षेप करने की जरुरत ही न हो । नहीं तो वह दिन दूर नहीं जब शुद्ध ताज़ी हवा पाने के लिए हमें ऑक्सीजन सिलिंडर खरीदने पड़े और धरती से ताज़ी शुद्ध हवा ही ख़त्म हो जाए ।
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