Thursday, 23 February 2017

छबि पुलिस की

छबि पुलिस की
कहते हैं के पुलिस हमारी रक्षक होती हैं। काफी हद तक यह बात सही भी हैं जिस तरह फौजी हमारे देश के रक्षक होते हैं  वह सीमाओं पर तैनात होके हमारे देश की बाहरी दुश्मन से देश की रक्षा करते हैं , उसी तरह पुलिस हमारे देश के अंदर के दुश्मनों से हमारी रक्षा करते हैं जिस तरह सैनिकों पर विश्वास करके हम चैन की नींद सोते हैं उसी तरह पुलिस पे भी हम विश्वास करके आराम की नींद सोते हैं किन्तु कुछ लोग पुलिस की छबि को बिगाड़ने में कोई कसर नहीं छोड़ते अब यही देख लीजिये हमारे देश में विधान सभाओं का और महानगरपालिकाओंका चुनाव चल रहा हैं ऐसे में पुलिस पर बहोत ज्यादा प्रेशर होता हैं उन्हें मतदान के दिन से लेकर वोटो की गिनती तक बहोत प्रेशर होता हैं ऐसे में कोई उनका मजाक उड़ाए तो गलत होगा हमारे देश की एक प्रख्यात लेखिका ने पुलिस की वर्दी पहन कर कुर्सी पर बैठे एक मोटे शख्स की तस्वीर पोस्ट करते हुए उनपे व्यंग कसा था किन्तु इस तरह का मजाक पुलिस को अच्छा नहीं लगा फिल्मों में भी पुलिस का मजाक उड़ाया गया हैं पहले की फिल्मों में पुलिस को फिल्म के आखिर में ही आते दिखाया गया था   सिर्फ पुलिस पे जो फिल्मे बनी उसीमे उनकी छबि अच्छी दिखाई गयी हैं   ज़ंजीर एक ऐसी फिल्म थी जिसमे अमिताभ बच्चन को एक एंग्री यंग में के रूप में दिखाया गया जो की एक ईमानदार पुलिस इंस्पेक्टर दिखाया गया था इसी तरह कुछ सालों पहले आयी सिंघम जो की एक पुलिस इन्स्पेटर पर आधारित फिल्म थी जिसमे अजय देवगन ने एक ईमानदार पुलिस इंस्पेक्टर की भूमिका निभायी थी   वह फिल्म काफी चर्चित रही विजयाशांति की हिंदी फिल्म तेजस्विनी भी काफी चर्चित रही जिसमे उन्होंने एक लेडी इंस्पेक्टर का रोल निभाया था फूल बने अंगारे में रेखा ने निभाया हुआ लेडी पुलिस इंस्पेक्टर का रोल काफी दमदार रहा इफ्तेखार को तो पुलिस का रोल इतना सूट होता था के उन्हें लोग पुलिस ही समझते थे पुलिस पर बनी कुछ ख़ास फिल्मे जिसमे शामिल हैं खाकी-२००४, अब तक छप्पन-२००४, सिंघम-२०११, दबंग-२०१०, गंगाजल-२००३, सरफ़रोश-१९९९, शूल-१९९९, सहर-२००५, वेडनेसडे -२००८, पुलिस पब्लिक, तिरंगाउल्लेखनीय रही हैं एनकाउंटर, शूटआउट अट लोखंडवाला, शूटआउट अट वडाला, फ़ोर्स, रोडी राठोड, तलाश, शोले का तो ठाकुर और इंस्पेक्टर संजीव कुमार ने इतना जिवंत किया था के उसका कोई सानी नहीं। दीवार का शशि कपूर का इंस्पेक्टर भी अमिताभ को टक्कर दे गया था हेमा मालिनी का लेडी इंस्पेक्टर फिल्म अंधा क़ानून में भी काफी दमदार रहा हैं ।ओमपूरी ने अर्ध सत्य में निभाया गया पुलिस इंस्पेक्टर को कौन भूल सकता हैं ।रानी मुखर्जी  भी मर्दानी में बहोत अच्छी लेडी इंस्पेक्टर रही सिर्फ फिल्मों में ही नहीं हमारे टेलीविज़न धारावाहीको में भी पुलिस की अच्छी छबि दिखाते हैंइसमें क्राइम पेट्रोल, सावधान इंडिया या दिया और बाती का उदाहरण दे सकते हैं इसलिए हमारा कहना  हैं की पुलिस इंस्पेक्टर को आदर की नजरों से देखना होगा जब हम उन्हें सहयोग करेंगे तब वह भी हमारी रक्षा करने में कोई कसर नहीं छोड़ेंगे यह बात भी सही है एक खराब  आम टोकरी के बाकी अच्छे आम को खराब करता हैं , उसी तरह डिपार्टमेंट का एक भ्रष्ट अफसर पुरे डिपार्टमेंट को बदनाम करता हैं किन्तु हमे यह नहीं भूलना होगा की कोई भी अनुचित घटना होने पर हम सबसे पहले पुलिस को इसकी जानकारी देने की बात करते हैं इसलिए अगर हम पुलिस पर विश्वास दिखाएंगे तो वह भी हमारी तुरंत मदत करने में पीछे नहीं हटेंगे ।।

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