तापमान
गर्मी के कारण पूरा देश सहम गया हैं। हवामान विभाग के तरफ से जारी हुए बयान में यह कहा
गया हैं के महाराष्ट्र, तेलंगना, गुजरात, राजस्थान, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश,
दिल्ली इन प्रदेशों में ज्यादा गर्मी रहेगी।
और यह गर्मी 21 मई तक रहेगी। तेलंगना
में अबतक 309 लोगोंकी गर्मी से मौत हो गयी
हैं। इसी कारण महाराष्ट्र में भी गर्मी बढ़
गयी हैं। सिर्फ दक्षिण के राज्य तथा नॉर्थ
ईस्ट के राज्यों को छोड़ दिया जाये तो पूरा भारत गर्मी से झुलस रहा हैं। केरला, तमिलनाडू, आंध्र प्रदेश, पुद्दुचेरी,
आसाम, बंगाल इन राज्यों में पिछले 24 घंटे से बारिश चालू हैं। इसमे छोटे पंछी तथा बड़े शिकारी पंछी भी गर्मी का
शिकार हो रहे हैं। जो शिकारी पंछी 100 से 200
मिटर ऊपर उड़ सकते हैं वो सूरज की तपिश में आने के कारण मर रहे हैं। इसलिए अगर हमे ऐसे पंछी दिखाई दे तो उन्हे तत्काल
ग्लूकोज पिलाये। उनके ऊपर ठंडा पानी डालकर पशु डॉक्टर के पास ले
जाये। इसलिए हर नागरिक का भी यह फर्ज़ बनता
हैं के वो अपने आँगन में पंछीयों के लिए पीने के लिए ठंडा पानी रखे तथा खाने के लिए
दाना रखे। चिड़िया को तो हर 10-15 मिनट में
पानी की जरूरत होती हैं नहीं तो वह सन्स्ट्रोक के कारण मर जाती हैं। यही समस्या आनेवालों सालों में ना होने के लिए हमे
पेड़ लगाने पड़ेगे ताकि गर्मी से बचाव हो सके।
पेड़ के कारण बारिश ज्यादा आएगी पानी की भी समस्या नहीं रहेगी। तो उस कारण पृथ्वी
का तापमान भी कंट्रोल में रहेगा। इसमे खुशी की बात यह हैं के मानसून अंडमान और निकोबार
द्वीप पर पहुँच गया हैं। तापमान बढ्ने के लिए
जिस तरह अगणित पेड़ो की कटाई जिम्मेदार हैं उसी तरह बेशुमार कार्बन उत्सर्जन का भी कारण
जिम्मेदार हैं। इसलिए हमे पेड़ लगाने के साथ
साथ रेन वॉटर हार्वेस्टिंग यानि बारिश के पानी के पुरनभरण करने की जरूरत हैं। इसलिए जागो हमारे वसुंधरा का तापमान कंट्रोल करने
के लिए हमारे तरफ से जो भी हो सके वह प्रयत्न करो।
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