नीट
नेशनल एलीजीबीलीटी कम एंट्रैन्स टेस्ट जो की मेडिकल के एड्मिशन के लिए जरूरी मानी जाती
हैं। किन्तु बहोत से राज्यों ने अपने राज्यों
की परीक्षाएँ ले ली है जैसे महाराष्ट्र में सीईटी हो गई हैं। इस कारण से लाखों स्टूडेंट्स के भविष्य को ध्यान
मे रखते हुए केंद्र सरकार ने यह निर्णय लिया हैं के इस साल राज्यों के हिसाब से ही
परीक्षाएँ होंगी लेकिन अगले साल से यह एड्मिशन नीट के हिसाब से होगी। इस तरह के आदेश आनेवाले 4-5 दिनों में जारी होने
की संभावना हैं। देश के सभी शिक्षामंत्रीयों
के साथ सोमवार को हुई बैठक में बाद सभी राजकीय पक्षों के नेताओंके साथ विचार विमर्श
किया गया हैं। इसीके आधार पर अगले साल से नीट लागू की जाएगी।
राज्यों के हिसाब से नीट परीक्षा को उनका विरोध
नहीं है किन्तु जिन राज्यों ने पहले ही परीक्षाए ली है उन राज्यों के विध्यार्थीयोंको
यह परीक्षा फिर से देनी पड़ेगी। इसलिए सभी से
विचार विमर्श करने के बाद केंद्र सरकार इस नतीजे पर आई है के यह नीट परीक्षा अगले साल
से लागू होंगी। इसलिए यह निर्णय लिया गया है
के सीईटी और नीट परीक्षा के सील्याबस में काफी अंतर है। यह बात सूप्रीम कोर्ट मानेगा
ऐसी आशा केंद्र सरकार को है लेकिन अगर कोर्ट ने मानने से इंकार कर दिया तो सरकार इसके
लिए अधिसूचना जारी करेगी।
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